सोमनाथ के त्रिवेणी घाट पर समुद्र का पानी नहीं आता, वहां का पानी मीठा होता है। इसलिए बांध बांधा गया है। यहां पर एक लाइन में बैठे पक्षियों को इतने अनुशासित रूप से देखना भला लगता है। इस मनोरम दृश्य को देखने के बाद यह लगता है कि आखिर किसने सिखाया होगा इन्हें इस तरह से अनुशासित रहना? क्या मानव इससे कुछ सीख सकता है? आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
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