जोधपुर - पूरी खबर

विजि​लेंस टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अब तक ऐसे कितने टिकट बनाए गए और इन यात्रियों से कितने पैसे वसूले जाते थे। ऐसा इसलिए संभव होता क्योंकि चारों सीट आसपास ही होती और टीटीई मूल टिकटधारी की आईडी देख लेता और यात्रियों की संख्या बराबर देख आगे निकल लेता है। ऐसे में फोटो काॅपी केवल यात्री को भरोसा दिलाने के लिए देते कि उनका टिकट बुक हो चुका है। जांच के दौरान क्लर्क के पास ढाई हजार रुपए की नकदी कम मिली। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें

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