भू राजस्व संहिता संशोधन विधेयक के विरोध में कांग्रेस ने कहा हम आदिवासियों के साथ प्रदेश सरकार द्वारा भू-राजस्व संहिता में संशोधन कर नया प्रावधान जोड़ने का मसला अब तूल पकड़ रहा है। विशेषकर आदिवासी समाज इस संशोधन को लेकर अपना कड़ा विरोध जता रहा है। शनिवार को कलेक्टोरेट में सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने प्रावधान का विरोध करते हुए राज्यपाल के नाम संयुक्त कलेक्टर विजय कुजूर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने आए समाज के प्रतिनिधियों शशि भगत एवं कृपाशंकर भगत ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार आदिवासियों की जमीन को हथियाने की साजिश कर रही है। जिसे आदिवासी समाज किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। यह संशोधन संविधान की भावनाओं के खिलाफ है। आदिवासी नेताओं ने कहा कि आदिवासियों के लिए जल, जंगल और जमीन उनकी संस्कृति का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि अगर ये तीनों नहीं होंगे, तो आदिवासियों का अस्तित्व भी नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि जब तक आदिवासी सलाहकार समिति में परामर्श नहीं हो जाता, संशोधन के गुण-दोषों पर चर्चा नहीं हो जाती, तब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो... आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
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