सोशल मीडिया डेस्क। इंडियन कल्चर में जब भी एक साथ माता-पिता की बात होती है तो ज्यादा बातें मां के बारे में होती है। पिता के बारे में बहुत ज्यादा कुछ कहा नहीं जाता। कहानियों और कविताओं में अक्सर मां की पीड़ा, उनका संघर्ष और त्याग दिखाई पड़ता है लेकिन एक बच्चे के जीवन में पिता की भूमिका का महिमागान नहीं होता। एक बच्चे के साथ-साथ, एक अच्छे समाज और देश के लिए भी अच्छे माता-पिता उतने ही जरूरी होते हैं। उज्जैन के मशहूर कवि स्व. डॉ. हरिओम व्यास ने मां और पिता दो...